
कोरोना की वजह से आम मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा है. बागवान के मालिकों को यह भी डर है कि अगर लॉकडाउन लम्बा खिंचा तो आम मंडियों तक नहीं पहुंच पाएगा. तब या तो वह डाल पर ही सड़ जाएगा, या फिर कौड़ियों के भाव कोविड-19 के चलते इस बार आप दशहरी समेत तमाम किस्मों के आम के जायके से महरूम रह सकते हैं. आम उत्पादकों को लॉकडाउन के चलते लागू बंदिशों की वजह से फसल के बरबाद होने की आशंका सता रही है.
लॉकडाउन के कारण प्रदूषण कम होने से आम की फसल के लिये साज़गार तो है, लेकिन सिंचाई और दवा वगैरह के छिड़काव के लिये मजदूर न मिल पाने की वजह से फसल खराब होने की आशंका है. साथ ही बागवान के मालिकों को यह भी डर है कि अगर लॉकडाउन लम्बा खिंचा तो आम मंडियों तक नहीं पहुंच पाएगा. तब या तो वह डाल पर ही सड़ जाएगा, या फिर कौड़ियों के भाव बिकेगा.