असुरक्षित यौन संबंध जानलेवा एड्स का बड़ा कारण है। एसएन कॉलेज में चल रहे एंटी रिट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर के आंकड़े इसे साबित करते हैं। दूसरे सभी कारण मिलाकर भी इसका 50 प्रतिशत नहीं हैं। आंकड़ों के मुताबिक जिले में सबसे ज्यादा एचआईवी पॉजीटिव असुरक्षित यौन संबंधों के कारण हुए हैं। सेंटर में कुल पंजीकृत मरीजों की संख्या 9839 है। असुरक्षित संबंधों के कारण पीड़ितों की तादाद 4574 है। शेष कारणों से पीड़ितों की संख्या 1800 के आसपास है। इनमें सेक्स वर्कर, ट्रक चालक, संक्रमित सुई से शिकार होने वाले, समलैंगिक और मां से ग्रहण करने वाले शामिल हैं। जिले में एक साल में 2414 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। इसका कारण मरीजों का दवाइयां छोड़ना है। सरकार के साथ स्वास्थ्य विभाग के लिए यह चिंता का कारण है। सेंटर प्रभारी डा. जितेंद्र दौनेरिया का कहना है कि जरूरी नहीं कि माता-पिता से बच्चे को 100 प्रतिशत रोग हो जाए। सावधानियां बरत बच्चे को सुरक्षित किया जा सकता है।
असुरक्षित संबंधों ने बढ़ाए एड्स के मरीज
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