चंडीगढ़ में पहले पॉलीथिन को बैन कर दिया गया था, अब सभी तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक भी बैन कर दिए गए हैं। प्रशासन के पर्यावरण विभाग की ओर से सब्मिट किए गए प्रपोजल को प्रशासक वीपी सिंह बदनोर ने मंजूरी दे दी है। अब प्रशासन इसकी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करके लोगों से सुझाव और ऑब्जेक्शन मांगेगा। इसके लिए दो महीने का समय दिया जाएगा। पर्यावरण विभाग की ओर से प्रपोजल बनाया गया था, जिसमें सभी तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक को चंडीगढ़ में बैन करने को लेकर लिखा गया था।
पॉलीथीन और प्लास्टिक के कई तरह के सामान पर पहले ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चंडीगढ़ में इस्तेमाल किए जाने को लेकर बैन लगा दिया था। इनके इस्तेमाल पर 5 हजार रुपए की पेनल्टी का प्रोविजन किया था। अब प्रशासन जो इसको लेकर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पहले जारी करेगा, उसमें पॉलीथीन और बाकी सभी तरह के सामान को बैन किए जाने को लेकर प्रोविजन किए जाएंगे।
चंडीगढ़ में सबसे बड़ी चुनौती अभी पॉलीथिन को लेकर है। लाख कोशिशों के बाद भी चंडीगढ़ से पॉलीथिन यूज होना बंद नहीं हुआ है। शहर में हर मार्केट में पॉलीथिन धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। इसे रोकने के लिए प्रशासन कुछ नहीं कर रहा। एक-दो दिन कार्रवाई करके चुप हो जाता है।पानी की एक लीटर से छोटी बोतल का यूज नहीं कर सकेंगे। क्योंकि छोटी बोतल को सिर्फ एक बार ही यूज किया जाता है, जिसके बाद ये डस्टबिन में जाती है। एक लीटर की बोतल को री-यूज कर लिया जाता है।
प्रशासन ने 2008 में और फिर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्लास्टिक कैरी बैग्स और पॉलीथीन को बैन करने को लेकर निर्देश जारी किए थे। लेकिन इन पर कभी-कभार ही कार्रवाई हुई। नतीजा ये रहा कि अभी भी चंडीगढ़ में बैन हुआ सामान आराम से कहीं भी देख सकते हैं। पर्यावरण बचाना हमारे हाथ में है, इसलिए हमें ही आगे आना होगा। पानी के गिलास जो पार्टी या किसी भी तरह के ईवेंट में रखे जाते हैं, ये सिंगल यूज के होते हैं। इन पर भी बैन रहेगा। शादी-पार्टियों में अभी ये बहुत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल होते हैं। चंडीगढ़ को हिमाचल से सबक लेना चाहिए। हिमाचल ने पॉलीथिन बैन के आदेश को गंभीरता से लागू किया है। सरकार की सख्ताई और पब्लिक की अवेयरनेस से यह संभव हो पाया है। खाली पानी के गिलास, प्लास्टिक या थर्मोकोल की प्लेट्स और गिलास, प्लास्टिक चम्मच, पाॅलीथीन, प्लास्टिक बैग्स, नाॅन वुवन प्लास्टिक कैरी बैग्स पर पाबंदी है। सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन कर दिया गया है, लेकिन कई जरूरत की चीजें इसमें लागू रहेंगी। जैसे दालों की पैकिंग, चिप्स वगैरह के रैपर या दूध के पैकेट। फिलहाल इन पर बैन नहीं लगाया गया है। सरकारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मार्केट्स में यूज होना वाला पाॅलीथिन है। नियम लागू होने के बाद भी लोग इसे यूज कर रहे हैं।