अलग अलग फ्लेवर वाली ई-सिगरेट के कारण सेहत संबंधी जोखिमों को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका प्रशासन इन पर पाबंदी लगाने पर विचार कर रहा है. गौरतलब है कि कई लोगों की मौत का कारण ई-सिगरेट बनी है. अमेरिका के 33 राज्यों में छह लोगों की मौत और फेफड़ों के रोग के 450 मामलों की मुख्य वजह ई-सिगरेट पीना पाया गया है. जो 450 मामले पाए गये हैं उनमें ज्यादातर 19 वर्ष आयु के युवा हैं. स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि मौत के कई मामले हैं और बहुत सारी अन्य समस्याएं भी हैं. लोगों को लगता है कि यह सिगरेट का एक आसान विकल्प है लेकिन पता चला है कि इसकी भी अपनी समस्याएं हैं.
ई-सिगरेट एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट है यह एक बैटरी से चलने वाला इक्यूप्मेंट है. यह एक नई समस्या है. ऐसी समस्या जिसके बारे में कुछ साल पहले तक किसी ने वास्तव में सोचा भी नहीं था. यह सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धुम्रपान वाले तम्बाकू उत्पादों का एक विकल्प है. वेपिंग. ई-सिगरेट पीने को वेपिंग कहते हैं, ट्रंप के मुताबिक वेपिंग एक नई समस्या है खासकर बच्चों के बीच. बच्चे घर आते हैं और कहते हैं कि मां मैं वेप करना चाहता हूं और अभिभावकों को इस बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता. इसमें मिंट, मैंथॉल, कैंडी, फ्रूट और अल्कोहल फ्लेवर शामिल हैं. स्वास्थ्य एवं मानवीय सेवा सचिव ऐलेक्स अजर ने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) का इरादा एक मार्गदर्शक दस्तावेज को अंतिम रूप देने का है जो तंबाकू के अलावा अन्य सभी फ्लेवर को बाजार से हटाने में जुटा है.
सांसदों, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, अभिभावकों और शिक्षाविदों की ओर से व्हाइट हाउस और एफडीए पर इस तरह का फैसला लेने का दबाव था. वे लोग किशोरों के बीच वेपिंग की लोकप्रियता को लेकर चिंतित हैं और ई-सिगरेट से उन्हें दूर करने में खुद को बेबस पा रहे हैं.