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एकजुट हो जाएं तो पहाड़ों से भी नदियां बहा सकते हैं

प्रख्यात रंगकर्मी कीर्ति किरपाल के नेतृत्व में नाट्यम पंजाब द्वारा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और ड्रीम हाइट्स के संयक्त सहयोग से बठिंडा के एमआरएसपीटीयू परिसर में आयोजित 15 दिवसीय 12वें राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव की तीसरी शाम निदेशक कैलाश कुमार के निर्देशन में डाॅ. अनिल कार्की द्वारा लिखित नाटक माधो सिंह भंडारी भाव राग ताल अकादमी, उत्तराखंड की टीम द्वारा प्रस्तुत किया गया।

नाटक के दौरान पानी की समस्या के जरिये दिखाया गया कि राजनीति और धर्म का दखल लोगों की आम जिंदगी में भी हो जाता है और किसी भी मुद्दे को बेहद गंभीर बना दिया जाता है। लेकिन इस बीच यदि लोग स्वयं उजागर हो जाएं तो वे मिलकर पहाड़ों को चीरकर नदियां बना सकते हैं। नाटक के आरंभ में पहुंचे विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर शाम की शुरुआत की गई, जिसमें एमआरएसपीटीयू के रजिस्ट्रार डाॅ. जीपीएस बराड़, विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोनिल कौशल, मैक्स हॉस्पिटल बठिंडा के जीएम डॉ. सतविंदर सिंह और पंजाबी लेखक डॉ. तरसेम नरूला शामिल हुए। अतिथियों ने जहां नाटक की सराहना की, वहीं कीर्ति किरपाल और उनकी टीम को उनके प्रयासों के लिए बधाई भी दी।

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