एस एस डी गर्ल्स कॉलेज के youth Red cross Unit के द्वारा CPR ट्रेनिंग पर एक रोज़ा वर्कशॉप लगाई गई। इस मौके पर AIIMS Hospital Bathinda से डॉ. राकेश कक्कड़, डॉ. अमन, डॉ. पराग, डॉ. कैलाश और दीपिका की टीम द्वारा Cardiopulmonary Resuscitation के बारे में बताया गया। डॉ. राकेश कक्कड़ ने बताया के यह एक तरह को प्रार्थमिक सहायता है। जब किसी पीड़ित व्यक्ति को साँस लेने में दिक्कत हो या फिर से साँस न ले पा रहा हो और बेहोश हो जाए तो CPR से उसकी जान बचाई जा सकती है। यह एक लाइफ सेवर प्रक्रिया है जिसे तब दिया जाता है जब दिल धड़कना बंद कर देता है तब तत्काल CPR देने से बचने की संभावना बढ़ जाती है। CPR में हथेली से विक्टिम की छाती को 1-2 इंच दबाएं । ऐसा प्रति मिनट में 100 बार करे । CPR में दवाब और कृत्रिम साँस का एक खास अनुपात होता है 30 बार छाती पर दवाब बनाया जाता है तो दो बार कृत्रिम साँस दी जाती है। CPR के सात चरण बताए गए – खतरे की जाँच करें , मदद के लिए कॉल करें।
पीड़ित के वायुमार्ग की जाँच करें। दो वचाव साँस दें। छाती को संपीड़ित करें। कंप्रेसर के साथ भूमिकाएं बदले। साँस सही होने तक प्रक्रिया जारी रखें। इस सैशन में 135 वालंटियर्स द्वारा भाग लिया गया । volunteers द्वारा प्रैक्टिकल सैशन में काफी इंटरेस्ट के साथ सिखलाई ली गयी। प्रिंसिपल डॉ. नीरू गर्ग के निर्देशानुसार कार्यक्रम का प्रबन्ध मैडम मोनिका कपूर (YRC Counselor ) द्वारा किया गया। समूह स्टाफ तथा विद्यार्थियों द्वारा भरपूर ज्ञान हासिल किया गया। मैडम प्रिंसिपल द्वारा इस ट्रेनिंग सैशन को काफी ज्ञानवर्द्धक बताया गया। कॉलेज प्रधान श्री संजय गोयल तथा सेक्रेटरी श्री विकास गर्ग द्वारा इस कार्यक्रम की सराहना की गयी।
-H.E.