कोरोना मरीजों की संख्या देश में फिर से बढ़ने लगी है. वैसे तो देश भर में टीकाकरण कार्यक्रम में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लग रहे हैं, लेकिन लोगों को टीके लगने से पहले ही अचानक संक्रमण में तेजी आना चिंतित कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कम से कम तीन भारतीय राज्यों में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट पाए गए हैं. सवाल ये उठता है कि क्या वाकई ये वेरिएंट खतरनाक हैं और कोरोना मामलों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ा रहे हैं और इस समय कितने वेरिएंट सक्रिय है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में जो नए वेरिएंड आए हैं वे N440K और E484K वेरिएंट हैं. ये वेरिएंट ना तो नए हैं और ना हि विशुद्ध तौर पर भारत में पाए हैं हैं. आईसीएमआर के डायरेक्टर जर्नल डॉ बलराम भार्गव ने न्यूज 18 को बताया कि ये वेरिएंट दूसरे दशों में भी पाए गए हैं और इससे पहले ही वे भारत के कुछ राज्य में पाए गए हैं.
E484K नाम में 484 म्यूटेशन की सटीक स्थिति को बताता है. जब कि अक्षर E मूल अमीनो एसिड को दर्शाता है उसी तरह से अक्षर के भी वायरस के मूल अमीनो एसिड को दर्शाता है जिससे म्यूटेशन हुआ था. इसके अलावा यूके या फिर केंट वेरिएंट ( B.1.1.7) जब यूके में पाया गया था तो वह 70 प्रतिशत तेजी से फैलने के कारण चर्चा में आया था. इसी तरह का असर दिखाने वाला दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट जिसे 501Y.V2 या B.1.351 भी कहते हैं, पहली बार दिसंबर 2020 में पाया गया था. वहीं ब्राजील का वेरिएंट पिछले साल जुलाई में सामने आया था और वह भी कुछ इसी तरह का है.
नए वैरिएंट की वजह से कोरोना वायरस को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों में कोई बदलाव नहीं आएगा. हाथ धोना, मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अभी उतने ही अहम हैं. बस हमें अब और ज्यादा सावधानी की जरुरत है क्योंकि लोगों में अब सावधानी के प्रति गंभीरता कम होने लगी है. (H E)
कोरोना का नया स्ट्रेन देश में पैर पसार रहा?
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