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क्रिसमस के दौरान लोगों ने मास्क नहीं पहना तो बदतर होंगे हालात

विश्व स्वास्थय संगठन ने एक चेतावनी जारी कर कहा है कि यूरोपीय देशों में कोरोना काफी तेजी से बढ़ रहा है. WHO के मुताबिक क्रिसमस के जश्न के दौरान अगर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया गया तो इन देशों में हालात काफी खराब हो सकते हैं. संस्था ने कहा कि अगर लोगों ने क्रिसमस पर चर्च जाने या फिर पार्टी करने के दौरान मास्क नहीं पहने तो आने वाले पूरे साल भी इस महामारी से जूझना पड़ सकता है.
WHO ने ब्रिटेन, इटली, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों से इन नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है. इसके अलावा लोगों के इकठ्ठा होने और क्रिसमस पार्टियों में तय सीमा से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर सख्ती से रोक लगाने के लिए भी कहा है. WHO ने कहा कि अगर लोग पार्टी भी करना चाहते हैं तो घर से बाहर खुले मैदान में या आंगन में करें, बंद कमरे काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं. उधर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर क्रिसमस के दौरान कोरोना से सम्बंधित प्रतिबंधों में ढील देने का दबाव बना हुआ है. कई अन्य नेताओं और चर्च प्रतिनिधियों ने पीएम से इन प्रतिबंधों में ढील देने का आग्रह किया है जिससे लोग क्रिसमस मन पाएं.
कोविड-19 मरीजों की मौत के मामलों में वृद्धि के चलते जर्मनी में बुधवार से कठोर लॉकडाउन की शुरुआत की गई. कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों की संख्या में कमी लाने के लिए दुकानों और स्कूलों को भी बंद किया गया है. देश के रोग नियंत्रण केंद्र ‘रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट’ के मुताबिक, जर्मनी में पिछले सात दिन में प्रति एक लाख निवासियों पर कोविड-19 के 179.8 मरीजों की मौत हुई जोकि पिछले सप्ताह से काफी अधिक है. इससे पिछले सप्ताह प्रति एक लाख निवासियों पर 149 मौतें हुई थीं. इसके मुताबिक, जर्मनी के 16 राज्यों में एक दिन में होने वाली मौतों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई जोकि 952 रही जोकि पिछले शुक्रवार को हुई 598 से काफी अधिक रही.
जर्मनी में अब तक इस घातक वायरस के कारण 23,427 लोगों की मौत हो चुकी है. अक्टूबर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर नवंबर की शुरुआत में जर्मनी में ‘हल्का लॉकडाउन’ लगाया था, जिसके तहत बार और रेस्त्रां बंद रखे गए थे लेकिन दुकानों को खोलने की अनुमति थी. अब नए मामलों और मरीजों की मौत की संख्या में वृद्धि के चलते लॉकडाउन के तहत सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं. क्रिसमस से पहले दुकानें और स्कूल बंद किए जाने के साथ ही निजी कार्यक्रम में एकत्र होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या पांच तय की जा रही है. माना जा रहा है कि यह प्रतिबंध 10 जनवरी तक लागू रह सकते हैं.
नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रूट ने मंगलवार से देश में पांच हफ्ते का सख्त लॉकडाउन घोषित कर दिया. रूट ने साफ कर दिया कि फिलहाल, कोरोनावायरस को रोकने के लिए इससे ज्यादा असरदार कोई उपाय नहीं है. उन्होंने कहा- हम सख्त लॉकडाउन लगाने जा रहे हैं. इस दौरान स्कूल, दुकानें, म्यूजियम और जिम बंद रहेंगे. 19 जनवरी के पहले किसी तरह की राहत की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.
हम चाहते हैं कि भविष्य में हालात भयावह होने से रोके जाएं और इसके लिए सख्त कदम तो उठाने ही होंगे. सरकार ने कहा है कि किसी भी घर में ज्यादा से ज्यादा दो मेहमान ही आ सकते हैं और इसके लिए भी लोकल अथॉरिटीज को जानकारी देनी होगी. हालांकि, माना जा रहा है कि सरकार 24 से 26 दिसंबर के बीच कुछ राहत दे सकती है.

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