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ट्रंप से ‘शानदार’ बातचीत के कुछ ही घंटों बाद तालिबान हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तालिबान के डिप्टी लीडर मुल्ला अब्दुल गनी की बातचीत के कुछ ही घंटों के बाद तालिबान ने शांति समझौते को नकार दिया है. तालिबान ने कुंदुज के इमाम साहिब जिले में एक बड़े हमले को अंजाम दिया है जिसमें अफगान सेना और पुलिस के 20 जवानों की मौत हो गई है.

न्यूज़ एजेंसी AFP के मुताबिक तालिबानी लड़कों ने देर रात हमला किया जिसमें अफगान सेना और पुलिस के 20 लोग मारे गए. प्रोविंशियल काउंसिल के एक सदस्य सैफुल्ला अमीरी के मुताबिक तालिबानी लड़कों ने तीन सैनिक चौकियों पर एक साथ हमले को अंजाम दिया. इसके अलावा इन्होने उरुजगान की एक पुलिस पोस्ट पर भी हमला किया. 10 सैनिक, 4 पुलिसवाले और 6 सिविलियन की मौत हो गई है जबकि 7 लोग घायल बताए जा रहे हैं.

शांति वार्ता को बड़ा झटका
बता दें कि करीब 20 साल तक जंग लड़ने के बाद अमेरिका और तालिबान शांति समझौते के लिए राजी हुए थे. हालांकि ये समझौता ज्यादा देर नहीं टिक सका और 48 घंटों में ही तालिबान ने अफगान सेना पर हमला करके किसे नकार दिया. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को तालिबान के डिप्टी लीडर मुल्ला अब्दुल गनी से बात की थी.

इससे पहले कतर में अमेरिका और तालिबान ने दुनिया के कई देशों के सामने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. ट्रंप ने इस बातचीत के बाद दावा किया था कि शांति समझौता कायम है, ट्रंप ने इस दौरान कहा था कि 29 फरवरी को जो डील साइन हुई थी, उसपर आगे बढ़ना जरूरी है. ट्रंप ने कहा था कि मैंने तालिबानी नेता से बात की और ये शानदार रही.

क्या है क़तर समझौता?
बीते दिनों कतर में हुए समझौते के मुताबिक, अमेरिका 14 महीने में अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा था. हालांकि तालिबानी हमले के बाद इस शांति समझौते के टिके रहने की संभावना काफी कम रह गई है. इस समझौते के मुताबिक 10 मार्च से अफगानिस्तान और तालिबान में डील शुरू होनी थी जिसमें अमेरिका का भी अहम किरदार था. हालांकि सिर्फ जेल में बंद लड़ाकों की वजह से ये मसला टल गया और तालिबान पीछे हट गया. तालिबान की मांग है कि अफगानिस्तान की सरकार उनके करीब 5000 लड़ाकों को जेल से छोड़े, लेकिन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने किसी बातचीत से पहले ऐसा करने से इनकार कर दिया है.

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