पाकिस्तान हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक और धार्मिक स्थल खोलने की तैयारी में है. खबरों के मुताबिक, पेशावर में स्थित ऐतिहासिक प्राचीन हिंदू धार्मिक स्थल पंज तीरथ के द्वार भारतीयों के लिए खोले जा सकते हैं. इसी साल पाकिस्तान ने पंज तीरथ को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया था.
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस मंदिर को अगले महीने खोला जा सकता है. हाल के दिनों में ये दूसरा ऐसा मंदिर है, जिसे पाकिस्तान सरकार खोलने जा रही है. इस साल अक्टूबर में एक हज़ार साल पुराने शिवाला तेजा सिंह मंदिर को खोला गया था. इसके अलावा करतारपुर कॉरिडोर खोलने से पहले सियालकोट स्थित गुरुद्वारा चोआ साहिब के द्वार भी खोले गए थे. इन सबको विभाजन के बाद बंद कर दिया गया था.
पंज तीरथ अपने पांच तालाबों की वजह से प्रसिद्ध है. इन्हीं तालाबों के कारण इस तीर्थ का नाम पंज तीरथ पड़ा. साथ में यहां एक बेहद प्राचीन मंदिर और खजूर के पेड़ों वाला बगीचा भी है. मान्यता है कि यहां के तालाबों में कार्तिक महीने में स्नान काफी पुण्य देता है. यहां आकर श्रद्धालु तालाब में स्नान कर खजूर के पेड़ों के नीचे पूजा करते हैं. ये पूजा-अर्चना 17वीं सदी से चली आ रही थी. बीच में इसमें व्यवधान आया. सत्रहवीं शताब्दी के मध्य में अफगान दुर्रानी राजवंश के दौरान इस जगह को काफी नुकसान पहुंचाया गया और तालाब व आसपास के मंदिर उनके हमले में टूट-फूट गए. बाद में 18वीं सदी में सिख शासन के दौरान हिंदू दोबारा मजबूत हुए और उन्होंने इस जगह का पुनर्निर्माण करवाकर फिर से पूजा शुरू की.
पाकिस्तान: अगले साल खुल सकते हैं ऐतिहासिक मंदिर ‘पंज तीरथ’ के कपाट
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]