पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के सियालकोट में 500 वर्ष पुराने गुरुद्वारे के कपाट भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए अब खोल दिये गये है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले यहां से लगभग 140 दूर स्थित सियालकोट शहर में स्थित बाबे-दी-बेर गुरूद्वारा में भारतीयों को जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी।
भारत समेत कई देशों के सिख पंजाब के कई धार्मिक स्थलों पर अक्सर जाते रहते है। रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के गवर्नर मुहम्मद सरवर ने प्रांत के औकाफ विभाग को भारत से सिख तीर्थयात्रियों को सूची में शामिल करने का निर्देश दिया इसलिए वे सियालकोट गुरुद्वारे जा सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सिख परंपरा के अनुसार, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जब 16वीं शताब्दी में कश्मीर से सियालकोट पहुंचे, तो वह बेरी के वृक्ष के नीचे रुके थे। इसके बाद सरदार नत्था सिंह ने उस जगह पर उनकी याद में एक गुरुद्वारा बनवाया था।