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स्कूल तो खुले लेकिन ज़िम्मेदारी पूरी घर वालों की होगी

कोरोना महामारी के बीच सरकार ने एक एसओपी जारी करते हुए स्कूल खोले जाने की अनुमति दे दी है. लेकिन स्कूल खोलें या नहीं यह विकल्प भी स्कूल मैनेजरों को दिया गया है.
क्लास 9 से 12वीं तक के स्कूल खोलने की इजाज़त केंद्र सरकार ने दे दी है. कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के 6 महीने से भी ज़्यादा वक्त के बाद बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है. 2-2 घंटे की कई पालियों में क्लास लगाई जा रही हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही क्लास चालू हैं. विकल्प बच्चों के मां-बाप के ऊपर छोड़ा गया है. इतना ही नहीं स्कूलों से एक लैटर बच्चों के घरों पर भेजा गया है. यह एक सहमति पत्र है. इस पत्र में स्कूल मैनेजरों ने बच्चों के मां-बाप से 5 बिंदुओं पर सहमति मांगी है. सहमति मिलने के बाद ही बच्चों को स्कूल में एंट्री दी जाएगी.
स्कूलों से मां-बाप के पास जो सहमति पत्र आया है उसमें 5 तरह के सवाल हैं. इन्हीं पर सहमति मांगी गई है. अगर मां-बाप सहमत हैं तो पत्र पर साइन कर स्कूल वापस भेज दें. अगर नहीं हैं तो बच्चे को स्कूल न भेजें.

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