नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित संत रविदास के मंदिर को हटाए जाने के विरोध में और इसे दोबारा बनवाने की मांग को लेकर बुधवार को दिल्ली में दलित समुदाय के हजारों लोग सड़कों पर उतर गए और विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, विरोध के दौरान दलितों का यह प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके कारण पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ‘हल्का लाठीचार्ज’ और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. इसके बाद से तुगलकाबाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त है.
इस दौरान भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और करीब 96 अन्य को बुधवार की रात तुगलकाबाद इलाके से हिरासत में लिया गया. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद को दंगा करने और अवैध रूप से एकत्र होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया, ‘दंगा करने, अवैध रूप से एकत्र होने, लोकसेवक को उसका कर्तव्य पूरा करने से रोकने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाने और अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई है. चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा 96 अन्य प्रदर्शनकारी पुलिस हिरासत में हैं. जांच जारी है.’
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 10 अगस्त को मंदिर गिराया था. बाद में कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले को लेकर राजनीति न हो. मंदिर गिराए जाने के विरोध में 13 अगस्त को पंजाब में भी व्यापक प्रदर्शन हुए थे, जब प्रदर्शनकारियों ने जालंधर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई अन्य मार्गों को भी बाधित कर दिया था.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंदिर स्थल तक जाने की अनुमति नहीं दी थी, जिसके कारण प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने दो मोटरसाइकिलों में आग लगा दी और कारों एवं पुलिस वाहन में तोड़-फोड़ की. इस घटना में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस घटना से 15 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. सभी आरोपियों को आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा. उग्र प्रदर्शनकारियों ने 100 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ की, जिनमें से कुछ गाड़ियां पुलिस की हैं और कुछ आम लोगों की हैं.
पुलिस ने बताया कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रविदास मंदिर को तोड़ने को लेकर जारी विवाद के बीच दिल्ली के जंतर-मंतर में रैली करने की अनुमति मांगी थी. उन्हें जंतर-मंतर में रैली की अनुमति नहीं दी गई और रामलीला मैदान में रैली करने को कहा गया था.
बुधवार को रैली करने के बाद लोग मार्च करते हुए तुगलकाबाद की तरफ निकल पड़े. हजारों की संख्या में चल रहे लोगों को कई बार समझाया गया लेकिन वे नहीं माने. इसके चलते कई इलाकों में लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. कई जगहों पर एम्बुलेंस फंसी रहीं. प्रदर्शनकारियों से भारी संख्या में डंडे और सरिये मिले हैं. हालांकि, किसी से अवैध हथियार और तमंचा मिलने से पुलिस ने इनकार किया है. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सरकार तुगलकाबाद में भूखंड समुदाय को सौंपे और मंदिर का पुनर्निर्माण कराया जाए. हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी में रविदास मंदिर ढहाए जाने के विरोध में प्रदर्शन करने वाले दलित समूहों के मंच ने तुगलकाबाद में हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि विवादित स्थल तक बुधवार शाम को मार्च निकालने का निर्णय कुछ लोगों का व्यक्तिगत निर्णय था.
अखिल भारतीय संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर संयुक्त संरक्षण समिति के संयोजक अशोक भारती ने कहा कि संगठन ने रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था लेकिन कुछ लोगों ने विवादित स्थल तक जाने का निर्णय किया. उन्होंने दावा किया, ‘जो लोग मंदिर स्थल तक गए उनमें कुछ आध्यात्मिक नेता भी शामिल हैं. पुलिस ने उनपर भी लाठियां चलाई. हम हिंसा की निंदा करते हैं, लेकिन लोगों को पता होना चाहिए कि पहले पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग किया था.’
भारती ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 अगस्त को डीडीए द्वारा ढहाए गए मंदिर वाले स्थान पर संत रविदास की प्रतिमा स्थापित करने कर निर्णय किया था. उन्होंने कहा, ‘हम आज नहीं तो कल यह काम करेंगे, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से. कुछ लोग बुधवार की शाम को भावुक हो गए और प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया.’ भारती ने कहा कि रामलीला मैदान में यह एक दिन का प्रदर्शन था और जो लोग विभिन्न राज्यों से आए थे उन्होंने लौटना शुरू कर दिया है.
दिल्ली: संत रविदास मंदिर गिराने के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन
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