पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. राजधानी दिल्ली में भी कोरोना ने जबर्दस्त कहर बरपाया है. मार्च से लेकर अब तक दिल्ली में कोरोना महामारी के चपेट में आने से 4 हजार 21 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही पिछले तीन महीनों के दौरान दिल्ली में हजारों करोड़ का आर्थिक नुकसान भी हुआ है. जून महीने से दिल्ली में आंशिक तौर पर लॉकडाउन जब खोला गया तब तक काफी नुकसान हो चुका था. ऐसे में सवाल उठता है कि लॉकडाउन और कोरोना की मार के बाद दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिल्ली सरकार क्या-क्या कदम उठा सकती है? क्या दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त योजनाओं के लाभ पर भी कोरोना का असर दिखेगा? खासतौर पर बिजली और पानी को लेकर मौजूदा नियम में कोई बदलाव भी किए जाएंगे?
बता दें कि दिल्ली को वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए केजरीवाल सरकार ने कई कदम उठाए हैं. ऐसी उम्मीद कि अगले कुछ दिनों में और भी कई कदम उठाए जाएंगे. दिल्ली सरकार राजधानी के सभी औद्योगिक क्षेत्रों को वैश्विक बाजार से जोड़ने का प्लान तैयार कर रही है. सरकार ने लोगों को रोजगार देने के लिए हाल ही में जॉब पोर्टल लॉन्च किया है. यह पोर्टल नौकरी देने और खोजने वालों के लिए एक प्लेटफॉर्म है.
दिल्ली सरकार के राजस्व में गिरावट आने के बावजूद केजरीवाल सरकार मुफ्त योजनाओं को जारी रखने के पक्ष में है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के राजस्व में काफी कमी आई है. इसको लेकर दिल्ली सरकार ने अपने खर्च में कई तरह से कटौती की है. इसके बावजूद सरकारी योजनाओं जो पहले से चले आ रहे हैं उसमें किसी तरह के कोई फेरबदल फिलहाल नहीं होंगे. जनता को परेशानी में डाल कर राजस्व में बढ़ोतरी नहीं करेंगे. इसके लिए तरीके खोजे जा रहे हैं. हमारी पहली प्राथमिकता आम लोगों के जेब में पैसे डालने की है न कि उसके जेब से पैसे निकालने की है.
केजरीवाल सरकार लगातार मांग कर रही है कि दिल्ली में राजस्व बढ़ाने के लिए अब मेट्रो का चलना जरूरी है. दिल्ली की स्थिति काफी हद तक कंट्रोल में आ चुकी है. दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस लगातार घट रहे हैं. एक्टिव पहले जो 30 हजार तक पहुंच गया था उसमें अब काफी कमी आ गई है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में एक्टिव केस 10 हजार के आसपास रह रहे हैं. इसलिए अब औद्योगिक गतिविधियों को पूरी तरह से खोलने पर हमलोग विचार कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के 28 से अधिक औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए दिल्ली सरकार का साथ देने का अनुरोध किया था. केजरीवाल ने इस बात पर बल दिया था कि कैसे दिल्ली एक साथ आकर कोरोना को हराया और अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में काम करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है. भारतीय उद्योग परिसंघ, बादली इंडस्ट्रियल एस्टेट एसोसिएशन, नरेला इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स वेलफेयर एसोसिएशन, ओखला चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज, एपेक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स और बवाना मैन्युफैक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन सहित कुल 28 औद्योगिक संगठनों ने सीएम को सुझाव दिए.
बंद नहीं होंगी मुफ्त योजनाएं, अपने खर्चे घटाकर कोरोना से लड़ेगी सरकार
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