वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 102 लाख करोड़ रुपये के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (NIP) की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिये अपने भाषण में ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश के बारे में कहा था. इससे 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि नतीजे पर पहुंचने से पहले करीब 70 स्टेकहोल्डर्स के साथ से चर्चा की गई और इन प्रोजेक्ट्स को फाइनल किया गया है. बीते 4 महीनों में 70 बैठकें हुईं, जिनमें 105 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स पर चर्चा हुई. निर्मला सीतारमण ने बताया कि पिछले 6 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 51 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जो जीडीपी का 5-6 फीसदी है. इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार का योगदान है.
वित्त मंत्री के मुताबिक, NIP के तहत करीब 25 लाख करोड़ रुपये एनर्जी प्रोजेक्ट पर, 20 लाख करोड़ रुपये सड़क और करीब 14 लाख करोड़ रुपये रेलवे प्रोजेक्ट के लिए तय किए गए हैं. इसमें प्राइवेट सेक्टर का निवेश 22-25 फीसदी होगा. बाकी निवेश एनआईपी इन्वेस्टमेंट, केंद्र और राज्य सरकार करेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि पावर, रेलवे, शहरी सिंचाई, मोबिलिटी, शिक्षा और सेहत पर खर्च होगा. साल 2020 के मध्य में सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजना करेगी. इससे कारोबारियों को वैश्विक माहौल में कारोबार करने की सहूलियत मिलेगी.
सीतारमण ने कहा कि 2.5 लाख करोड़ रुपये पोर्ट और एयरपोर्ट प्रोजेक्ट्स पर, 3.2 लाख करोड़ रुपये आइटेंडिफाइड डिजिटल इफ्रा प्रोजेक्ट्स पर, 16 लाख करोड़ रुपये सिंचाई, ग्रामीण, एग्री व फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स और 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा इंफ्रा प्रोजेक्ट (इसमें मोबिलिटी प्रोजेक्ट शामिल हैं) पर खर्च होंगे.
अगले 5 साल में 102 लाख करोड़ के इंफ्रा प्रोजेक्ट पूरे करेगी सरकार
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