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सौ करोड़ में गूंजेगी मेरी आवाज – कंगना रनौत

मुंबई के बीएमसी अधिकारियों द्वारा कंगना रनौत के कार्यालय के कुछ हिस्सों को गिराने के एक दिन बाद एक्ट्रेस ने गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर ‘ सत्ता के दुरुपयोग ‘ का आरोप लगाया. रनौत ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उनकी आवाज दूर तक जाएगी. इस घटनाक्रम में फिल्म जगत के कई लोग रनौत के समर्थन में आगे आए हैं. रनौत ने शिवसेना के नेतृत्व वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की गुंडों से तुलना करते हुए कई ट्वीट् पोस्ट किए, जिसमें राज्य सरकार को एक ‘मिलावटी सरकार’ कहकर मराठी संस्कृति को याद करने की नसीहत दी गई है.
एक्ट्रेस (33) बुधवार को ही अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से मुम्बई लौटी हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि शिवसेना से टकराव के कारण महाराष्ट्र सरकार उन्हें निशाना बना रही है. शिवसेना नीत बीएमसी ने बुधवार को रनौत के बांद्रा स्थित बंगले में किए गए कुछ अवैध निर्माण को तोड़ दिया था. हालांकि बंबई हाईकोर्ट ने बाद में प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि मुम्बई पुलिस और महाराष्ट्र के बारे में कंगना के एक हालिया बयान से विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने दावा किया था कि वह मुम्बई में असुक्षित महसूस करती हैं. इसके बाद शिवसेना के नेता संजय राउत ने उनसे मुम्बई वापस नहीं आने को कहा था. राउत के इस बयान के बाद एक्ट्रेस ने मुम्बई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी. कंगना ने राकांपा-शिवसेना-कांग्रेस की राज्य सरकार पर तंज कसा और कहा कि शिवसेना की विचारधारा से समझौता किया गया है.
कंगना रनौत ने ट्वीट किया, ‘जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना का निर्माण किया, आज शिवसेना से सोनिया सेना बनकर उसने सत्ता के लिए वह विचारधारा बेच दी है. जो गुंडे मेरी पीठ के पीछे मेरे घर को तोड़ते हैं, उन्हें नागरिक निकाय न कहें. संविधान का अपमान ना करें.’ रनौत ने ठाकरे को भाई-भतीजावाद का एक प्रमुख उदाहरण बताया जो उनकी आवाज को दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं.
कंगना ने आगे लिखा है, ‘आपके पिता के अच्छे कर्म आपको धन दे सकते हैं, लेकिन आपको सम्मान अर्जित करना होगा, आप मेरा मुंह बंद कर देंगे, लेकिन मेरी आवाज मेरे बाद सौ करोड़ लोगों में गूंज उठेगी, आप कितने मुंह बंद करेंगे?’ आप कितनी आवाजें दबाएंगे? कब तक आप सच्चाई से दूर भागेंगे, आप वंशवाद के एक उदाहरण के अलावा और कुछ नहीं हैं.’ इस घटना में कंगना को मिले समर्थन के लिए उन्होंने लोगों का धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा, ‘मेरे कई मराठी दोस्त कल फोन पर रो रहे थे. कुछ ने मुझे मदद के लिए कई संपर्क दिए. कुछ लोग घर पर खाना भेज रहे थे, जिसे मैं सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण स्वीकार नहीं कर सकी.’ उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार की शर्मनाक हरकत से मराठी संस्कृति और गौरव को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए.’
फिल्म जगत के कई लोगों ने बीएमसी की कार्रवाई की आलोचना की. एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने कहा कि वह रनौत का कार्यालय गिराने के साथ-साथ रिया चक्रवर्ती के साथ हुए ‘उत्पीड़न और दुर्व्यवहार’ की भी निंदा करती हैं. उन्होंने कहा, ‘यह पक्ष लेने के बारे में नहीं है. यह अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के बारे में है. याद रखें कि यह आपके साथ भी हो सकता है.’
फिल्मकार रीमा कागती ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं कंगना के कार्यालय गिराने और रिया की उत्पीड़न की निंदा करती हूं. हां मैं इन दोनों चीजों के खिलाफ खड़ी हो सकती हूं.’ एक्टर रेणुका शहाणे भी, रनौत के समर्थन में सामने आईं. हालांकि उन्हें रनौत की मुंबई की पीओके से तुलना करने वाली टिप्पणी पसंद नहीं आई, लेकिन उन्हें बीएमसी की यह कार्रवाई निंदनीय लगी.शहाणे ने लिखा, ‘आपको इतना नीचे गिरने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री कृपया हस्तक्षेप करें. हम फिलहाल एक महामारी से निपट रहे हैं. क्या हमें इस अनावश्यक नाटक की आवश्यकता है?’ कश्मीरी पंडितों पर फिल्म बनाने के फैसले को लेकर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने रनौत का समर्थन किया.

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